Uranus Planet In hindi
यूरेनस ग्रह के बारे मैं जानकारी Uranus (अरुण ग्रह) In hindi
नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग मैं आज आपको यूरेनस ग्रह के बारे मैं बताऊंगा यूरेनस ग्रेह एक बहूत ही बड़ा गैस gaint प्लानेट है और ये सूर्य के 7वे नंबर पे आता है तो आईये दोस्तों आज हम यूरेनस के बारे मैं बात करते है।
यूरेनस ग्रेह का जन्म....
तो दोस्तों यूरेनस ग्रेह का जन्म आज से लगभग billion साल पहले बाकि ग्रहो के साथ हुआ था। ये ग्रेह सूर्य के 7वे नंबर पे स्तिथ है। और ये ग्रेह हमारे सोर मंडल का ही हिस्सा है। ये ग्रेह पूरा का पूरा गैस से बना हुआ है। जैसे बाकि ग्रेह शनि और ब्रहस्पति की तरह ही इसका भी कोई ठोस सतह नही है।
जैसा की हमारे पृथ्वी पे ठोस सतह मौजूद है। इस ग्रेह की खोज सर विलियम हेरसचल ने 1710 मैं सबसे पहले किया था।
और ये टेलिस्कोप से ढूंढा हुआ पहला ग्रेह था।
इस ग्रेह को ice planet भी कहते है।
यह भी पढ़िए........
बुध ग्रेह के बारे मैं
ब्रहस्पति ग्रह के बारे मैं जानकरी
मंगल ग्रह के बारे मैं जानकारी
पृथ्वी के बारे पृथी नीली क्यों है
शुक्र ग्रह के बारे मैं जानकारी
शनि ग्रह के बारे मैं जानकारी
पहले इस ग्रेह को सर विलियम हेरसचल ने जब देखा था तब उन्होंने इसको देख के planet कहने से मना कर दिया था उस टाइम ये बोला था की ये एक तारा होगा इनके इलावा कई एस्ट्रोनॉमर्स ने इस ग्रेह को देखा था पर उन्होंने भी इसको तारा ही मान लिया था ।वो इसलिए क्योंकि ये ग्रेह पृथ्वी से ज्यादा दूर होने के कारन ये चमकता नही था।
एंडर्स जोहान लेक्सल ने इस ग्रेह को जब resurch किया तब उन्होंने हीलियम हेरसचल के ढूंढे हुए इस ग्रेह को ग्रेह का नाम दिया उन्हीने ये बोला की ये कोई तारा नही ये एक नया ग्रेह है। जो की बाकि ग्रहो की तरह सूर्य का चक्र लगा रहा है।
और ये ग्रेह सूर्य से 3 billion km दूर है। और सूर्य की रोशनी इस ग्रेह पे पहुचने मैं ही 2.50घंटे का टाइम लगता है। इस से आप अंदाज़ा लगा सकते हो की ये कितना दूर है।
और ये ग्रेह सूर्य की एक चक्र पूरा करने मैं 84 साल का टाइम लेता है। मतलब की धरती का 1 साल इसके 84 साल के बराबर है पृथ्वी का जब 84 साल होता है तब यूरेनस का 1 साल होता है।
तो दोस्तों ये थी कुछ बाते यूरेनस की आइये हम इसके कुछ और जानकरी लेते है।
1, यूरेनस ग्रेह पे दिन और रात 42 साल की होती है।
मतलब की इसका एक हिस्सा सूर्य की तरफ 42 साल तक रहता है और दूसरा अँधेरे वाला हिस्सा 42 साल तक रहता है।
2,यूरेनस ग्रेह अपने धुर्व पे 17 घंटे 14 मिनट पे एक चक्र पूरा कर लेता है।मतलब की पृथ्वी जो 12 घंटे मैं एक चक्र पूरा करती है।व्ही पे ये ग्रेह 17 घंटे 14 मिनट मैं पूरा करती है।
3,कहा जाता है की यूरेनस अपनी जगह पे 90% तक झुका हुआ है।हमारे एस्ट्रोनोमेर्स का कहना है की इस ग्रेह पे एक धरती की आकर वाली एस्टरॉयड या उल्का पिंड टकराई होगी और ये टकर इतना भयंकर होगा की इस टकर की वजह से इस ग्रेह का 90%का हिस्सा ही झुक गया।
4, यूरेनस हमारे सोर मंडल का दूसरा ऐसा ग्रेह है जो सबसे कम डेन्सिटी वाला ग्रेह है। इसका डेन्सिटी 1.27g/cm^3 है। इसका भार पृथ्वी से लगभग 14 गुना ज्यादा है।
5, यूरेनस ग्रेह का अंदुरनी हिस्सा 2 भागो मैं बाटा गया है।सेण्टर मैं सिलिकेट और airon है।और ऊपरी मेन्टल है।
6, और इस ग्रेह पे जमा हुआ बर्फ कोई आम बर्फ नही है
7, यूरेनस की resurch के लिए हमारी हर्बल टेलिस्कोप और व्याजोर 2 को भेजा गया था। जिन्होंने इसके ऊपर resurch करके काफी मात्रा मैं फ़ोटो भेजी थी।
8, यूरेनस हमारे सोर मंडल का सबसे ठंडा ग्रेह भी माना जाता है।इसके atmosphare मैं molikuel हाइड्रोजन और हीलियम और मीथेन जैसी गैस मौजूद है।मीथेन तीसरा सबसे ज्यादा पाये जाने वाला इस ग्रेह पे गैस है।यूरेनस की atomosphare दूसरे गैस ghaint से काफी मिलती है। पर जुपिटर और शनि ग्रेह मैं ज्यादातर atomosphare मैं गैस पायी जाती है। पर दूसरी तरफ यूरेनस मैं हद से ज्यादा बर्फ पायी जाती है इसके atmoshphare मैं पानी और ice crestal पायी जाती है। जो की ये सोर मंडल का सबसे ठंडा ग्रेह मैं आता है। यहा का averge Tempruture -224℃ तक रहता है।
9, यूरेनस का भी अपना एक छला है पर ये शनि ग्रह के इतना चमकदार नही है।इसका छला बेहद ही डार्क है।इसके टोटल 13 रिंग्स है। जो की कुछ बड़े बड़े चट्टानों के टुकरे से मिलके बने है जो की 10 डायमीटर तक बड़े बड़े है।
10, यूरेनस के अब तक 24 उपग्रह खोजे गए है।
यूरेनस का अपने उपग्रह 24 है।और हमारे एस्ट्रोनॉमर्स की खोज जरी है। इस मैं से सबसे बड़ा उपग्रह इसका टाईटेनिया है।
11, यूरेनस पे नासा का भेजा हुआ वॉयजर 2 ही अब तक यूरेनस पे गया है। इसे 20 अगस्त 1977 को लांच किया गया था। और ये 24 जनवरी 1986 को वहा पहुचा।इसने यूरेनस की 81,000km के ऊपर से ही चक्र लगाते हुए 11 नए उपग्रहों की खोज की। और इसने यूरेनस की छलो का फ़ोटो भी हमे हजारो खीच के भेजी थी।
यूरेनस पे अगर कोई जाये तो किया होगा.....
1,यूरेनस पे जाना तो सम्भव नही पर अगर कोई जाये तो उसको जाने मैं ही 20 या 30 साल लग जायेंगे।
और अगर हम पहुच भी जाते है तो वहा जैसे ही उसके atmosphare मैं हम पहुचेंगे तो उसके जबरजस्त tempruture से बच नही पाएंगे। उस ग्रेह पे -224℃ ठन्डे का मुकाबला करना पड़ेगा।
अगर हम फिर भी चले जाते है तो आप जैसे ही उसके अंदर जाओगे तो आपको सब जगह धुंधला ही दिखेगा और आप वहा ज्यादा देर टिक नही पाओगे।
तो दोस्तों ये पोस्ट आपको कैसे लगी आप मुझे बताना जरूर और ये टॉपिक आपको अच्छी लगी हो तो इसको शेयर और फॉलो करिये धन्यवाद।
मिलते है एक नया टॉपिक के साथ।
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नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग मैं आज आपको यूरेनस ग्रह के बारे मैं बताऊंगा यूरेनस ग्रेह एक बहूत ही बड़ा गैस gaint प्लानेट है और ये सूर्य के 7वे नंबर पे आता है तो आईये दोस्तों आज हम यूरेनस के बारे मैं बात करते है।
यूरेनस ग्रेह का जन्म....
तो दोस्तों यूरेनस ग्रेह का जन्म आज से लगभग billion साल पहले बाकि ग्रहो के साथ हुआ था। ये ग्रेह सूर्य के 7वे नंबर पे स्तिथ है। और ये ग्रेह हमारे सोर मंडल का ही हिस्सा है। ये ग्रेह पूरा का पूरा गैस से बना हुआ है। जैसे बाकि ग्रेह शनि और ब्रहस्पति की तरह ही इसका भी कोई ठोस सतह नही है।
जैसा की हमारे पृथ्वी पे ठोस सतह मौजूद है। इस ग्रेह की खोज सर विलियम हेरसचल ने 1710 मैं सबसे पहले किया था।
और ये टेलिस्कोप से ढूंढा हुआ पहला ग्रेह था।
इस ग्रेह को ice planet भी कहते है।
यह भी पढ़िए........
बुध ग्रेह के बारे मैं
ब्रहस्पति ग्रह के बारे मैं जानकरी
मंगल ग्रह के बारे मैं जानकारी
पृथ्वी के बारे पृथी नीली क्यों है
शुक्र ग्रह के बारे मैं जानकारी
शनि ग्रह के बारे मैं जानकारी
पहले इस ग्रेह को सर विलियम हेरसचल ने जब देखा था तब उन्होंने इसको देख के planet कहने से मना कर दिया था उस टाइम ये बोला था की ये एक तारा होगा इनके इलावा कई एस्ट्रोनॉमर्स ने इस ग्रेह को देखा था पर उन्होंने भी इसको तारा ही मान लिया था ।वो इसलिए क्योंकि ये ग्रेह पृथ्वी से ज्यादा दूर होने के कारन ये चमकता नही था।
एंडर्स जोहान लेक्सल ने इस ग्रेह को जब resurch किया तब उन्होंने हीलियम हेरसचल के ढूंढे हुए इस ग्रेह को ग्रेह का नाम दिया उन्हीने ये बोला की ये कोई तारा नही ये एक नया ग्रेह है। जो की बाकि ग्रहो की तरह सूर्य का चक्र लगा रहा है।
और ये ग्रेह सूर्य से 3 billion km दूर है। और सूर्य की रोशनी इस ग्रेह पे पहुचने मैं ही 2.50घंटे का टाइम लगता है। इस से आप अंदाज़ा लगा सकते हो की ये कितना दूर है।
और ये ग्रेह सूर्य की एक चक्र पूरा करने मैं 84 साल का टाइम लेता है। मतलब की धरती का 1 साल इसके 84 साल के बराबर है पृथ्वी का जब 84 साल होता है तब यूरेनस का 1 साल होता है।
तो दोस्तों ये थी कुछ बाते यूरेनस की आइये हम इसके कुछ और जानकरी लेते है।
1, यूरेनस ग्रेह पे दिन और रात 42 साल की होती है।
मतलब की इसका एक हिस्सा सूर्य की तरफ 42 साल तक रहता है और दूसरा अँधेरे वाला हिस्सा 42 साल तक रहता है।
यूरेनस ग्रह झुका हुआ |
2,यूरेनस ग्रेह अपने धुर्व पे 17 घंटे 14 मिनट पे एक चक्र पूरा कर लेता है।मतलब की पृथ्वी जो 12 घंटे मैं एक चक्र पूरा करती है।व्ही पे ये ग्रेह 17 घंटे 14 मिनट मैं पूरा करती है।
3,कहा जाता है की यूरेनस अपनी जगह पे 90% तक झुका हुआ है।हमारे एस्ट्रोनोमेर्स का कहना है की इस ग्रेह पे एक धरती की आकर वाली एस्टरॉयड या उल्का पिंड टकराई होगी और ये टकर इतना भयंकर होगा की इस टकर की वजह से इस ग्रेह का 90%का हिस्सा ही झुक गया।
4, यूरेनस हमारे सोर मंडल का दूसरा ऐसा ग्रेह है जो सबसे कम डेन्सिटी वाला ग्रेह है। इसका डेन्सिटी 1.27g/cm^3 है। इसका भार पृथ्वी से लगभग 14 गुना ज्यादा है।
5, यूरेनस ग्रेह का अंदुरनी हिस्सा 2 भागो मैं बाटा गया है।सेण्टर मैं सिलिकेट और airon है।और ऊपरी मेन्टल है।
6, और इस ग्रेह पे जमा हुआ बर्फ कोई आम बर्फ नही है
7, यूरेनस की resurch के लिए हमारी हर्बल टेलिस्कोप और व्याजोर 2 को भेजा गया था। जिन्होंने इसके ऊपर resurch करके काफी मात्रा मैं फ़ोटो भेजी थी।
8, यूरेनस हमारे सोर मंडल का सबसे ठंडा ग्रेह भी माना जाता है।इसके atmosphare मैं molikuel हाइड्रोजन और हीलियम और मीथेन जैसी गैस मौजूद है।मीथेन तीसरा सबसे ज्यादा पाये जाने वाला इस ग्रेह पे गैस है।यूरेनस की atomosphare दूसरे गैस ghaint से काफी मिलती है। पर जुपिटर और शनि ग्रेह मैं ज्यादातर atomosphare मैं गैस पायी जाती है। पर दूसरी तरफ यूरेनस मैं हद से ज्यादा बर्फ पायी जाती है इसके atmoshphare मैं पानी और ice crestal पायी जाती है। जो की ये सोर मंडल का सबसे ठंडा ग्रेह मैं आता है। यहा का averge Tempruture -224℃ तक रहता है।
यूरेनस ग्रह के छले (Rings) |
9, यूरेनस का भी अपना एक छला है पर ये शनि ग्रह के इतना चमकदार नही है।इसका छला बेहद ही डार्क है।इसके टोटल 13 रिंग्स है। जो की कुछ बड़े बड़े चट्टानों के टुकरे से मिलके बने है जो की 10 डायमीटर तक बड़े बड़े है।
10, यूरेनस के अब तक 24 उपग्रह खोजे गए है।
यूरेनस का अपने उपग्रह 24 है।और हमारे एस्ट्रोनॉमर्स की खोज जरी है। इस मैं से सबसे बड़ा उपग्रह इसका टाईटेनिया है।
11, यूरेनस पे नासा का भेजा हुआ वॉयजर 2 ही अब तक यूरेनस पे गया है। इसे 20 अगस्त 1977 को लांच किया गया था। और ये 24 जनवरी 1986 को वहा पहुचा।इसने यूरेनस की 81,000km के ऊपर से ही चक्र लगाते हुए 11 नए उपग्रहों की खोज की। और इसने यूरेनस की छलो का फ़ोटो भी हमे हजारो खीच के भेजी थी।
यूरेनस पे अगर कोई जाये तो किया होगा.....
1,यूरेनस पे जाना तो सम्भव नही पर अगर कोई जाये तो उसको जाने मैं ही 20 या 30 साल लग जायेंगे।
और अगर हम पहुच भी जाते है तो वहा जैसे ही उसके atmosphare मैं हम पहुचेंगे तो उसके जबरजस्त tempruture से बच नही पाएंगे। उस ग्रेह पे -224℃ ठन्डे का मुकाबला करना पड़ेगा।
अगर हम फिर भी चले जाते है तो आप जैसे ही उसके अंदर जाओगे तो आपको सब जगह धुंधला ही दिखेगा और आप वहा ज्यादा देर टिक नही पाओगे।
तो दोस्तों ये पोस्ट आपको कैसे लगी आप मुझे बताना जरूर और ये टॉपिक आपको अच्छी लगी हो तो इसको शेयर और फॉलो करिये धन्यवाद।
मिलते है एक नया टॉपिक के साथ।
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Uranus Palnet In hindi
Reviewed by King RAjpuT
on
March 14, 2020
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